डॉ. रामकुमार चतुर्वेदी : अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी कवि

शिक्षा क्षेत्र में योगदान

डॉ रामकुमार चतुर्वेदी के शिक्षा क्षेत्र में योगदान 

शिक्षाविद

डॉ. रामकुमार चतुर्वेदी न केवल एक प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं, बल्कि शिक्षा जगत में भी उनका योगदान अत्यंत प्रेरणादायक और उल्लेखनीय है। एक शिक्षक, प्रशासक और शिक्षाविद् के रूप में उन्होंने शिक्षा को केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का सशक्त उपकरण माना है।

डॉ. चतुर्वेदी वर्तमान में SSC Education College एवं DPC Law College के चेयरमैन के पद पर कार्यरत हैं। इन संस्थानों के माध्यम से वे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। उनकी सोच शिक्षा को व्यावहारिक और जीवनोपयोगी बनाने की रही है, जिसमें छात्र न केवल विषयों का ज्ञान प्राप्त करें, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायी नागरिक बनें।

वे श्रीराम आदर्श एजुकेशन सोसायटी के निदेशक (Director) भी हैं, जिसके अंतर्गत कई स्कूल और कॉलेज संचालित हो रहे हैं। यह संस्था ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने का कार्य कर रही है। डॉ. चतुर्वेदी के नेतृत्व में इस सोसायटी ने शिक्षा के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित किए हैं। उन्होंने विशेष रूप से बालिका शिक्षा, नैतिक शिक्षा और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर बल दिया है, जिससे छात्रों को केवल डिग्री ही नहीं, जीवन में सफलता के साधन भी प्राप्त हों।

उनकी शिक्षण पद्धति में नवाचार और तकनीकी समावेशन की विशेष भूमिका रही है। उन्होंने शिक्षकों को प्रशिक्षित करने, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों की रचनात्मकता को उभारने हेतु अनेक कार्यशालाएँ एवं संगोष्ठियाँ आयोजित की हैं। डॉ. चतुर्वेदी का मानना है कि शिक्षक केवल पढ़ाने वाला नहीं, बल्कि समाज निर्माता होता है, और इसी सोच को वे अपने संस्थानों में व्यवहार में लाते हैं।

शिक्षा में समानता, सुलभता और गुणवत्ता के सिद्धांतों पर कार्य करते हुए उन्होंने अनेक छात्रों को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित किया है। उनकी प्रेरणा से सैकड़ों विद्यार्थी आज विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

डॉ. रामकुमार चतुर्वेदी का शिक्षा क्षेत्र में योगदान केवल संस्थाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका दृष्टिकोण व्यापक है – वे शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने और उसे एक सशक्तिकरण के माध्यम के रूप में देखने के पक्षधर हैं। उनके कार्य और सोच आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल हैं।

सर्वाधिकार सुरक्षित @ डॉ. रामकुमार चतुर्वेदी